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आस्था का केन्द्र, प्राचीन महावीर मन्दिर।
महावीर मन्दिर, पटना, बिहार, भारत में स्थित भगवान श्री हनुमान जी को समर्पित सबसे पवित्र हिंदू मन्दिरों में से एक है। यह देश के सर्वोत्तम और प्राचीन हनुमान मन्दिरों में से एक है। महावीर मंदीर उत्तर भारत का सबसे प्रसिद्ध मन्दिर है। मन्दिर में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। संकट मोचन की प्रतिमा भक्तों के दिल में एक विशेष स्थान रखती है। रामनवमी के पावन अवसर पर अनेक लोग इस मन्दिर में आते हैं।
लाखों भक्तों की आस्था से जुड़ा यह मन्दिर अपने धार्मिक महत्व और मान्यताओं के लिए जाना जाता है। इस मन्दिर के बारे में यह मान्यता है कि, यहां आने वाले हर भक्त की मुराद जरूर पूरी होती है, कोई भी भक्त यहां से खाली हाथ नहीं लौटता है।महावीर मन्दिर में भक्तों के साथ किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।
माननीय आचार्य किशोर कुणाल और उनके सहयोगियों के तमाम प्रयासों के बाद इस मन्दिर का निर्माण हुआ। वहीं माननीय आचार्य किशोर कुणाल, महावीर मन्दिर ट्रस्ट के सचिव भी हैं।
महावीर मन्दिर न सिर्फ लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है, बल्कि गरीब (निर्बल) लोगों के उपकार का माध्यम भी है।
मन्दिर को रामानंद संप्रदाय के उच्चतम कैलिबर और बैरागी साधुओं के ‘पंडित’ (संस्कृत विद्वान) और साथ ही दलित पुजारी मिले हैं, जो सबसे अधिक सद्भा के साथ प्रदर्शन करते हैं।
यहां विराजे श्री हनुमान जी वास्तव में लोगों के संकट हरने वाले हैं, तभी इस मन्दिर में चढ़ने वाला नैवेद्यम भोग और दान पेटी से प्राप्त राशि से गरीब (निर्बल) लोगों का कैंसर का इलाज करवाया जाता है और अन्य जरुरतमंदो की सेवा और परोपकार के कार्य में लगाया जाता है।
इस मन्दिर के ट्रस्ट का नाम श्री महावीर स्थान न्यास समिति है, जो कि उत्तर भारत की सबसे बड़ी धार्मिक न्यास समिति है, यह समिति महावीर कैंसर इंस्टीट्यूट और रिसर्च सेंटर के अलावा, महावीर वात्सल्य हॉस्पिटल, महावीर आयोग्य अस्पताल समेत कई अन्य अस्पताल गरीब (निर्बल) और जरूरतमंद लोगो कें उपकार के लिए संचालित करती है इसके साथ ही यह धार्मिक समिति बिहार के ग्रामीण इलाकों में अनाथालय भी चलाती है।
बिना किसी सदस्यता के मन्दिर का पुनर्निर्माण युद्धस्तर पर किया गया। दान स्वेच्छा से आया क्योंकि लोगों को मन्दिर के ‘कायाकल्प’ से जुड़े व्यक्तियों पर विश्वास था। मन्दिर के पुनर्निर्माण के दौरान आयोजित किए गए ‘कार सेवा’ में हजारों भक्तों ने भाग लिया।
यह एक ऐसा मन्दिर है जहाँ भक्त निश्चित शुल्क के भुगतान पर अनुष्ठान पूरा करने के लिए सभी सामग्री प्राप्त करते हैं और पुरोहितों को ‘दक्षिणा’ का भुगतान मन्दिर प्रबंधन द्वारा किया जाता है।
सुबह वाल्मीकि रामायण का पाठ एक दैनिक दिनचर्या है जिसमें सभी महत्वपूर्ण शास्त्रों से नियमित पाठ शामिल हैं।
इसके अलावा इस मन्दिर के परिसर में भगवान राम, श्री कृष्ण भगवान, और दुर्गा माता का भी मन्दिर हैं। इन मन्दिरों में राधा-कृष्ण, राम-सीता, शिव-पार्वती, नंदी, भगवान गणेश समेत तमाम देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। इसके अलावा इस मन्दिर के बगल में पीपल का पेड़ भी है, जिसमें भगवान शनिदेव विराजमान हैं।
महावीर मन्दिर धर्म के साथ सहयोग परोपकार में अग्रणी है। दिव्य-अर्पण एवं कर्मकाण्ड के सहयोग से समिति ने पटना में चार चैरिटेबल अस्पताल स्थापित किए हैं और दो उत्तर बिहार में निर्माणाधीन हैं। समिति ने गरीब कैंसर रोगियों के इलाज के लिए 50 लाख प्रदान किए हैं और समाज के वंचित वर्गों और योग्य व्यक्तियों को सहायता के लिए लगभग समान राशि प्रदान किए हैं।
यह पहला धार्मिक ट्रस्ट है जिसने माता-पिता की समर्पित सेवा के लिए श्रवण कुमार अवार्ड की शुरुआत की। प्रथम पुरस्कार के रूप में ₹1,00,000 दूसरा ₹50,000 और तीसरा एक ₹25,000 निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, 5,000 के 10 पुरस्कार हैं। प्रत्येक पुरस्कार माता-पिता की समर्पित सेवा के लिए है।
